सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP): सुरक्षित और लाभकारी निवेश विकल्प

सिप क्या है और यह कैसे काम करता है?

हर महीने रेगुलरली स्टॉक्स में इन्वेस्ट करने को सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) कहा जाता है। यह निवेश का एक डिसिप्लिन तरीका है, जिसमें आप हर महीने एक निश्चित रकम म्युचुअल फंड में इन्वेस्ट करते हैं। इस लेख में हम देखेंगे कि सिप कैसे काम करता है और इससे रिटर्न कैसे जनरेट होता है।

SIP

डिसिप्लिन इन्वेस्टिंग का महत्व

सिप का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह डिसिप्लिन इन्वेस्टिंग को बढ़ावा देता है। इसका मतलब है कि आप बिना मार्केट की स्थिति की चिंता किए, नियमित रूप से निवेश करते रहते हैं।

कई लोग सोचते हैं कि उन्हें इंतजार करना चाहिए जब तक शेयर सस्ता न हो जाए, ताकि वे ज्यादा रिटर्न कमा सकें। लेकिन यह सही निवेश नहीं है। सिप का तरीका इस भ्रम को दूर करता है।

सिप से रिटर्न कैसे जनरेट होता है?

सिप की प्रक्रिया को समझने के लिए मैंने एक एक्सेल शीट के माध्यम से यह दिखाने की कोशिश की कि सिप कैसे लुम्पसम निवेश से अलग है और कैसे यह लॉन्ग-टर्म रिटर्न जनरेट करता है। मैंने एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया के डेटा का उपयोग किया और एक म्युचुअल फंड का विश्लेषण किया।

जैसे-जैसे नेट एसेट वैल्यू (NAV) बढ़ता है, आपके म्युचुअल फंड का रिटर्न भी बढ़ता है। मैंने पराग पारेख फ्लेक्सी कैप डायरेक्ट प्लान को चुना, जिसका प्रदर्शन पिछले कुछ वर्षों में शानदार रहा है।

निवेश की रणनीति

मैंने देखा कि अगर हमने 2013 में 5000 रुपए हर महीने इन्वेस्ट किए होते, तो 2021 तक वह अमाउंट 11 लाख 60 हजार तक पहुंच चुका होता। यह कंपाउंडिंग का नतीजा है। इस उदाहरण से यह समझ आता है कि नियमित निवेश से आपका पैसा कैसे बढ़ता है।

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सिप के फायदे

  • कम रिस्क: आप बिना मार्केट की चिंता किए हर महीने निवेश करते हैं।
  • लॉन्ग-टर्म रिटर्न: 8 साल में आपका पैसा दोगुने से ज्यादा हो सकता है।
  • डिसिप्लिन: नियमित निवेश से मार्केट के उतार-चढ़ाव से बचा जा सकता है।

डायरेक्ट प्लान और रेगुलर प्लान

सिप में दो प्रकार के प्लान होते हैं: डायरेक्ट प्लान और रेगुलर प्लान। रेगुलर प्लान में आपका एजेंट या ब्रोकर कमीशन लेता है, जबकि डायरेक्ट प्लान में आप बिना किसी बिचौलिए के निवेश कर सकते हैं।

एक्सपेंस रेश्यो एक महत्वपूर्ण कारक है जो आपके रिटर्न को प्रभावित करता है। यह फीस है जो फंड मैनेजर आपके निवेश से काटते हैं। इसलिए, डायरेक्ट प्लान चुनना बेहतर होता है क्योंकि इसमें कम एक्सपेंस रेश्यो होता है।

लम्पसम और सिप का अंतर

अगर आपके पास एक साथ बड़ी रकम (लम्पसम) है, तो उसे सीधे मार्केट में निवेश करना जोखिमपूर्ण हो सकता है। इसके बजाय, आप उसे एक डेथ म्युचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं और उस पैसे से नियमित रूप से सिप कर सकते हैं।

उदाहरण के लिए, अगर आपके पास 1 लाख रुपए हैं, तो उसे तुरंत निवेश करने की बजाय आप उसे डेथ म्युचुअल फंड में डालकर हर महीने 5000 रुपए की सिप शुरू कर सकते हैं।

निष्कर्ष

सिप एक बेहतरीन तरीका है लॉन्ग-टर्म रिटर्न पाने का, विशेषकर अगर आप डिसिप्लिन से निवेश करते हैं। मार्केट को टाइम करने की कोशिश न करें, बल्कि हर महीने नियमित रूप से निवेश करें।

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